सादर अभिनन्दन...


सादर अभिनन्दन...

Saturday, September 03, 2011

तुम्हारा स्नेह भाई...

"तुम्हारा स्नेह भाई...
एक ऊर्जा है जीवन की,
शक्ति है नव-सृजन की,
देती ठंडा सकूँ मुझे,
प्रेरणा है जीवन की,
यद्यपि की तुम पास नहीं,
फिर भी आशीष बन कर,
संघर्ष का साथी बनता,
तुम्हारा स्नेह भाई..."

----मनीष

9 comments:

  1. बहुत सुंदर भाव संजोये हैं..... यह स्नेह और समझ बनी रहे.... शुभकामनायें

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  2. सादर धन्यवाद मोनिका जी...

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  3. आपको और आपके भाई को बेस्ट विशेस .... :)

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  4. सादर धन्यवाद चैतन्य जी

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  5. अच्छी रचना...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.

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  6. आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |

    कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-

    संजय भास्कर
    आदत....मुस्कुराने की
    नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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  7. बहुत शुक्रिया संजय जी...

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