सादर अभिनन्दन...


सादर अभिनन्दन...

Tuesday, June 26, 2012

कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ...

कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ,
कुछ शब्द गढ़े हम भावों के,
प्रेम के हो अरमानो के कुछ,
लफ्ज़ बहें कुछ आहों के,
कहते-सुनते यूँ ही हँसते,
काटें चुन ले सब राहों के,
कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ,
जी लें यूँ ही कुछ पल यादों के...!!

--- मनीष :)

Wednesday, June 20, 2012

मुझे मालूम है हर दाव हर एक हुनर उसका फिर भी
वो मिलता ही कुछ इस अदा से है की मैं सब भूल जाता हूँ...
--- मनीष

Wednesday, June 13, 2012

डर लगता है बताते हुए मुहब्बत कितनी है तुझसे,
तेरे सीने में जो दिल है मेरा कहीं धडकना न छोड़ दे...!!

वो कहती है...


 वो कहती है बिना सोचे मुहब्बत की नहीं जाती,
मैं कहता हूँ अगर सोचूँ मुहब्बत रह नहीं जाती !!