सादर अभिनन्दन...


सादर अभिनन्दन...

Tuesday, October 25, 2011

ज्योति-पर्व की सप्रेम शुभकामनाएं...

आइये सब मिल कर,
छोटा सा ही सही,
केवल एक ही मगर...
स्नेह का, प्रेम का, सौहार्द का
दीप जलाएं...
द्वेष को मिटाए, मित्रता बढ़ाये
एक ऐसा दीप जलाएं...
ज्योति-पर्व की सप्रेम शुभकामनाएं...

Monday, October 24, 2011

गाँव हूँ मैं...


************************
"गाँव रोमांटिक है
ट्रेन की खिड़की से मगर...
हकीकत के कागज पर
तस्वीर  कुछ अलग ही है...
पधारो, आओ..."
आओ खींचो तस्वीरें,
लिखो खुद के अल्फाजों को...
मेरी नियति है बस
गाँव हूँ मैं तुम्हारा शहर नहीं...
पिछड़ा हूँ पर मरा नहीं,
तुम्हारी तरह..."
**************************

Sunday, October 23, 2011

बहुत जी चुके...

सोचता  हूँ  घर एक  बना  ही  लिया  जाय,
बहुत  जी  चुके  है  खानाबदोश  की  तरह...

Saturday, October 08, 2011

तेरी मोहब्बत ने...

एक नाता था मेरा खुशियों से बरसो पुराना,
तेरी मोहब्बत ने वो नाता भी तोड़ दिया...

Saturday, October 01, 2011

खबर तो आये...

इक जमाना गुजर चुका है तेरे पैगाम को,
मौत की ही सही तेरी कोई खबर तो आये...