सादर अभिनन्दन...


सादर अभिनन्दन...

Tuesday, August 23, 2011

जीना नहीं स्वीकार है...

अगर उन्हें नहीं जरुरत ,
हमें भी शौक़ नहीं उनका,
न दे हमे नौकरी वो ,
हम फिर भी जी लेंगे,
खुद की गुलामी का बांड,
मगर साइन न करेंगे,
दौलत न सही मगर,
गरीबी पर भी मुझे अभिमान है,
जैसा भी हूँ खुद्दार हूँ,
अपना भी कुछ सम्मान है,
बांड से बंधी जिंदगी,
 जीना नहीं स्वीकार है ||

7 comments:

  1. बेरोजगारी में बांड की विवशता...

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  2. सार्थक अभिवयक्ति....

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  3. प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद ...

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  4. apna bhi kuchh sammaan hai...ab ye aur baat hai ki is samman k naam par insaan ko apni vivashta hi chhupaani hoti hai.

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  5. प्रतिक्रिया के लिए आभार...

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  6. kya kisi company ki shikayat kar rahe hain...aisa karein kisi news channel wale ko approach karein..jyada achha response milega aur company ko bhi akal aa jaayegi..

    bt really gud one

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  7. सुझाव के लिए धन्यवाद भावना जी...
    अगली बार ध्यान रखूँगा

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