सादर अभिनन्दन...


सादर अभिनन्दन...

Tuesday, June 26, 2012

कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ...

कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ,
कुछ शब्द गढ़े हम भावों के,
प्रेम के हो अरमानो के कुछ,
लफ्ज़ बहें कुछ आहों के,
कहते-सुनते यूँ ही हँसते,
काटें चुन ले सब राहों के,
कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ,
जी लें यूँ ही कुछ पल यादों के...!!

--- मनीष :)

4 comments:

  1. वाह! बहुत खुबसूरत एहसास पिरोये है अपने......

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    1. बहुत शुक्रिया सुषमा जी...

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  2. ek gana yaad aa raha ahai " yaadon ke sab jugnu jungle mein rahte hain"

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    1. bahut dino ke baad aapko apne blog par aaya dekh bahut khushi hui,
      bahut bahut shukriya :)

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