सादर अभिनन्दन...


सादर अभिनन्दन...

Wednesday, June 20, 2012

मुझे मालूम है हर दाव हर एक हुनर उसका फिर भी
वो मिलता ही कुछ इस अदा से है की मैं सब भूल जाता हूँ...
--- मनीष

1 comment:

  1. शुक्रिया, बहुत बहुत शुक्रिया...!

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