सादर अभिनन्दन...


सादर अभिनन्दन...

Sunday, October 23, 2011

बहुत जी चुके...

सोचता  हूँ  घर एक  बना  ही  लिया  जाय,
बहुत  जी  चुके  है  खानाबदोश  की  तरह...

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