अगर उन्हें नहीं जरुरत ,
हमें भी शौक़ नहीं उनका,
न दे हमे नौकरी वो ,
हम फिर भी जी लेंगे,
खुद की गुलामी का बांड,
मगर साइन न करेंगे,
दौलत न सही मगर,
गरीबी पर भी मुझे अभिमान है,
जैसा भी हूँ खुद्दार हूँ,
अपना भी कुछ सम्मान है,
बांड से बंधी जिंदगी,
जीना नहीं स्वीकार है ||
हमें भी शौक़ नहीं उनका,
न दे हमे नौकरी वो ,
हम फिर भी जी लेंगे,
खुद की गुलामी का बांड,
मगर साइन न करेंगे,
दौलत न सही मगर,
गरीबी पर भी मुझे अभिमान है,
जैसा भी हूँ खुद्दार हूँ,
अपना भी कुछ सम्मान है,
बांड से बंधी जिंदगी,
जीना नहीं स्वीकार है ||
बेरोजगारी में बांड की विवशता...
ReplyDeleteसार्थक अभिवयक्ति....
ReplyDeleteप्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद ...
ReplyDeleteapna bhi kuchh sammaan hai...ab ye aur baat hai ki is samman k naam par insaan ko apni vivashta hi chhupaani hoti hai.
ReplyDeleteप्रतिक्रिया के लिए आभार...
ReplyDeletekya kisi company ki shikayat kar rahe hain...aisa karein kisi news channel wale ko approach karein..jyada achha response milega aur company ko bhi akal aa jaayegi..
ReplyDeletebt really gud one
सुझाव के लिए धन्यवाद भावना जी...
ReplyDeleteअगली बार ध्यान रखूँगा