अभिव्यक्ति...
...शब्दों में संवेदना की !
सादर अभिनन्दन...
सादर अभिनन्दन...
Wednesday, August 03, 2011
मेरी फितरत से अनजान है ये ज़माने वाले,
इन्हें निगाहों की ज़ुबां क्या समझ आएगी...
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