अभिव्यक्ति...
...शब्दों में संवेदना की !
सादर अभिनन्दन...
सादर अभिनन्दन...
Wednesday, November 02, 2011
भूला नहीं पाओगे मुझे...
अपने व्यक्तित्व पर मुझको इतना यकीन तो अब भी है,
तुम छोड़ तो सकते हो मगर भुला नहीं पाओगे मुझे...!!
2 comments:
विभूति"
6 November 2011 at 09:41
bhaut khub...
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संजय भास्कर
10 November 2011 at 19:40
...खूबसूरत
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bhaut khub...
ReplyDelete...खूबसूरत
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