अभिव्यक्ति...
...शब्दों में संवेदना की !
सादर अभिनन्दन...
सादर अभिनन्दन...
Monday, November 07, 2011
अब तो...
अब तो उस ज़ालिम ने ख्वाबों में भी आना छोड़ दिया,
मै पागल अब भी मगर उसका इंतज़ार करता हूँ !!
Wednesday, November 02, 2011
भूला नहीं पाओगे मुझे...
अपने व्यक्तित्व पर मुझको इतना यकीन तो अब भी है,
तुम छोड़ तो सकते हो मगर भुला नहीं पाओगे मुझे...!!
Tuesday, November 01, 2011
बचपन...
आज भी जब,
ज़माना बचपन का
याद आता है,
मुस्कराहट...
लबों पर
दर्द...
आँखों में
उतर आता है,
दर्द...
वक़्त बीत जाने का,
मुस्कराहट...
यादों के आ जाने से...
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